रक्तदान महादान
रक्तदान महादान
अगर समय रहते,
तुम कर दोगे रक्तदान
हो सकता है किसी को
तुम दे दो जीवनदान
गली के गुंडे, आवारागर्दी से
देश दुनिया को धमकाते है,
ना जाने कितने मासूमों का
खून वो बहाते है
बात आती है जब
राजनीति से जुड़े विषय की,
कतरा कतरा खून का
बेहिसाब बहा देते हो
नौबत आती जब,
रक्त दान महादान की,
खून की बूंद बूंद का
हिसाब बता देते हो
प्यार की जुदाई में जो,
नस काट लेने में नहीं कतराते
वो रक्तदान सी भलाई में,
सुई चुभवाने से डर जाते
रक्त बिना जीवन
है ये बिल्कुल अधूरा,
अनमोल ये जिम्मा है हम सब का
मिलकर करेंगे पूरा
आओ मेरे साथियों
मिलकर आगे बढ़ते है
इस परोपकारी कार्य को
दिल से हम अब करते है
कविता की अंतिम लाइन है,
थोड़ी खुद की तारीफ करता हूं।।
मैं "कमल कुमार जैन" ,
खुद को खुदक़िस्मत समझता हूँ
8 बार किया है रक्तदान,
बड़े फक्र के साथ कहता हूँ
स्वरचित प्रस्तुति
कमल कुमार जैन (ढालावत),
मो. नं. 733-999-5678
सलूम्बर
