पर ठूंठ सोचता है देखता है अपने चारों ओर केवल मैदान पर ठूंठ सोचता है देखता है अपने चारों ओर केवल मैदान
नौबत आती जब, रक्त दान महादान की, खून की बूंद बूंद का हिसाब बता देते हो नौबत आती जब, रक्त दान महादान की, खून की बूंद बूंद का हिसाब बता देते हो
कोशिकाओं में प्राण वायु, प्राणायाम से भरते हैं कोशिकाओं में प्राण वायु, प्राणायाम से भरते हैं
साथियों हकीकत में ना हममें से कितनों, का मन बहुत-बहुत प्रसन्नता से भर जाता। साथियों हकीकत में ना हममें से कितनों, का मन बहुत-बहुत प्रसन्नता से भर जाता।