Maroti Dhawale
Abstract
या ख़ुदा मेरी
दुआओ में इतना
असर कर देना,
मेरी बहनों का घर
खुशियों से भर देना।
Rakhi...
इश्क़ का हर भ्...
इश्क़ का भ्रम...
जीवन के इसी झमेले में मिल गया था कोई मेले में कुछ बातें हुईं थी अकेले में। जीवन के इसी झमेले में मिल गया था कोई मेले में कुछ बातें हुईं थी अकेले में।
खुलकर जीने की आज़ादी, खोल पंख उड़ने की आज़ादी। खुलकर जीने की आज़ादी, खोल पंख उड़ने की आज़ादी।
इतनी मधुरम, स्वप्निल, मनमोही छवि किसकी होगी। इतनी मधुरम, स्वप्निल, मनमोही छवि किसकी होगी।
भारत को प्रसिद्धि दे !! ढोल में पोल न दे ओ प्रभु साँवरे ! भारत को प्रसिद्धि दे !! ढोल में पोल न दे ओ प्रभु साँवरे !
तुम ना हो तो भी सिर्फ होते हो तुम मेरी जिंदगी की आखरी मुहब्बत हो तुम। तुम ना हो तो भी सिर्फ होते हो तुम मेरी जिंदगी की आखरी मुहब्बत हो तुम।
ए बूंदो मुझे भी संग अपने ले लो। ए बूंदो मुझे भी संग अपने ले लो।
मझधार में उसकी, नैया डोली, जिसने छोड़ी, वक्त की डोरी! मझधार में उसकी, नैया डोली, जिसने छोड़ी, वक्त की डोरी!
सुन माँ की बातें मैं सिसकने लगा, उनके किए त्याग को मै़ समझने लगा। सुन माँ की बातें मैं सिसकने लगा, उनके किए त्याग को मै़ समझने लगा।
बस यही तमन्ना है मन में, हर सुबह सुनूँ तेरी आवाज़। बस यही तमन्ना है मन में, हर सुबह सुनूँ तेरी आवाज़।
सदा हम निज निर्णय लें समयानुसार, बेवजह रार से बेहतर मान लेना हार। सदा हम निज निर्णय लें समयानुसार, बेवजह रार से बेहतर मान लेना हार।
अमूल्य मुस्कान ले आता तब जा कर हरित गीत वह अमर गान बन जाता। अमूल्य मुस्कान ले आता तब जा कर हरित गीत वह अमर गान बन जाता।
एक गहरी नींद सुला दो मुझे, जहां कोई सपना नहीं। एक गहरी नींद सुला दो मुझे, जहां कोई सपना नहीं।
इक दिन ऐसा मिल जाए, जब मैं खुद से मिल जाऊँ। इक दिन ऐसा मिल जाए, जब मैं खुद से मिल जाऊँ।
इन नौ मास की जीवन में ना कोई समता है। इन नौ मास की जीवन में ना कोई समता है।
और जिससे होगा तुझे भी कभी प्यार, जरुर मैं तब आऊंगा तेरे शहर ! और जिससे होगा तुझे भी कभी प्यार, जरुर मैं तब आऊंगा तेरे शहर !
एक कहानी पीछे छूटी अभी तो कई किस्से है लिखना बाकी। एक कहानी पीछे छूटी अभी तो कई किस्से है लिखना बाकी।
मुस्कान तुम्हारी दिल को लुभाती, सारी खुशियों की पहचान हो तुम ! मुस्कान तुम्हारी दिल को लुभाती, सारी खुशियों की पहचान हो तुम !
माना कि मैं हर महफ़िल में मुस्कुराता हूँ, धोख़ेबाज़ हूँ दरअसल ग़मों को छुपाता हूँ! माना कि मैं हर महफ़िल में मुस्कुराता हूँ, धोख़ेबाज़ हूँ दरअसल ग़मों को छुपाता हूँ...
मौसम कितना सख्त रहा है , और हलधर कब पस्त रहा। मौसम कितना सख्त रहा है , और हलधर कब पस्त रहा।
पतझड़ के बिना नए पत्ते नही आते पेड़ों में, संघर्ष बिना अच्छे दिन नही आते जिंदगी में। पतझड़ के बिना नए पत्ते नही आते पेड़ों में, संघर्ष बिना अच्छे दिन नही आते जिंदगी...