प्रश्न?
प्रश्न?
दया
के
भीतर
कितनी
कटुता
होती
है
प्रेम
के
भीतर
कितनी
नफरतें
होती
है
संस्कार
के
भीतर
कितनी
बद्तमीजियां
होती
है
परोपकार
के
भीतर
कितना
खुद
का
उपकार
होता
है
संतुष्टि
के
भीतर
कितनी
असंतुष्टि
होती
है
सुख
के
भीतर
कितना
दुख
होता
है
हंसी
के
भीतर
कितना
दर्द
छुपा
होता
है
क्या
कोई
पैमाने
के
हिसाब
से
अंश
होते
हैं
या
परिस्थितियों
के
अनुसार
बढ़ते
घटते
रहता
है।