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Sneha Chaurasiya

Inspirational

4.8  

Sneha Chaurasiya

Inspirational

प्रेम

प्रेम

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मुझे अब जाकर प्रेम का मतलब समझ आया,

मैने जिंदगी के अनमोल पल कुछ लोगों को दिए,

उन्हें हमेशा खुश देखना चाहा,

पर इन सब में मेरी ख़ुशियाँ कहाँ ग़ायब हो गई

पता न चला,


मैं फिर भी खुशी का मुखौटा पहनकर चलती रही,

पर जब इस मुखौटे ने साथ नहीं दिया

तब कुछ अपने भी चले गए,

रहा तो बस चंद दोस्तों का साथ,


जिन्होने मुझे फिर से हँसना सिखाया,

जिन्होने मुझे जीने की एक नई उम्मीद दी,

जिन्होने मुझसे उस मुखौटे बगैर प्रेम किया,

जिन्होने मुझे अपनों का मतलब समझाया,

हाँ, इन चंद दोस्तों ने मुझे प्रेम का मतलब समझाया


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