प्रेम का स्थाई जगह
प्रेम का स्थाई जगह
प्रेम
मीठे
शब्दों में
हम
ढूंढते हैं
जबकी
वो
कसैले
शब्दों के
भीतर
गठरी में
बंधा
पड़ा है
प्रेम हम
दुलार में
पुचकार में
ढूंढते हैं
लेकिन
प्रेम
गुस्सा के
भीतर
बक्सा
भरकर
पड़ा हैं
प्रेम हम
नजरों में
ढूंढते है
लेकिन
प्रेम
हृदय के
भीतर
धड़कन
के साथ
धड़क
रहा है
प्रेम
जहां
हम
ढूंढते हैं
वहां
इतर
मात्र है
प्रेम का
सागर
अनुभवों में
अनुभूतियों में
महसूसों में
कुंडली
मारकर
बैठा है ।