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फिर से स्कूल चलें

फिर से स्कूल चलें

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आओ चलो फिर से स्कूल चलें,

जो पाठ ज़िन्दगी ने पढ़ाये उन्हें दोहराने चलें,

ज़िन्दगी में क्या खोया और क्या पाया है,

उन सबका हिसाब मिलाने चलें,

आओ चलो फिर से स्कूल चलें,

जो पाठ ज़िन्दगी ने पढ़ाये उन्हें दोहराने चलें...

 

चुरा के माखन मेरा कान्हा खाता था,

चुरा के मेरा टिफ़िन मेरा दोस्त भी खाता था,

मैंने न जाना उसकी रसोई कैसे बनती थी,

पर बिरयानी तो मैंने भी बहुत शौक से खाई थी,

आओ चलो फिर से स्कूल चलें,

जो पाठ ज़िन्दगी ने पढ़ाये उन्हें दोहराने चलें...

 

तो क्या गर बुतपरस्त था मेरा यार,

मेरी बंदगी तो उसकी बुतपरस्ती थी,

कुफ्र का खौफ किसे था,

मेरा ईमान तो उसकी दोस्ती थी

आओ चलो फिर से स्कूल चलें,

जो पाठ ज़िन्दगी ने पढ़ाये उन्हें दोहराने चलें...

 

आज मैं बदल गया इसमें उसका कसूर क्या है,

ज़िन्दगी ने रास्ते अलग दिये पर मंजिलें अलग हमने कर ली हैं,

वो पीपल की छांव में साथ बैठना, वो साथ मिलकर शरारत करना,

सब कुछ पीछे छूट गया है, हाँ वो साथ छूट गया है,

जो पाठ ज़िन्दगी ने पढ़ाये उन्हें भूलने और दोस्तों को गले लगाने चलें

आओ चलो फिर से स्कूल चलें,


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