नियम-धर्म
नियम-धर्म
वक़्त के हिसाब से नियम-धर्म बदलते, चाहे ना कभी विश्वास करो
खुशी तो मिलती अपने काम से, चाहे दिनभर बकवास करो।।
दृढ़ विश्वास जो खुद के ज्ञान पर, हर बाधा को पार करो
कोई किसी का साथ ना देता, खुद हर समस्या का समाधान करो।।
मिला सहारा तो बड़ी बात है, उपकार सदा स्वीकार करो
बिना रुके सदा बढ़ो हमेशा, मंथन आत्मशक्ति का रोज करो।।
रिश्ते बनते पराक्रम से, आलस अपना दूर करों
दूसरों में कमियाँ क्यों खोजते, जब खुद कभी ना वो काम करो।।
मान करों ना खुद का कभी तो, ना सम्मान पाने की लालसा करो
खुद को कभी भी समझ सके ना, ना दूसरों को बदलने की बात करो।।