मुझमें अब भी 'मैं'बाकी है
मुझमें अब भी 'मैं'बाकी है
डूबते सूरज में कहीं लौ अभी बाकी,
सूखती नदियों में तरंगें अभी बाकी है,
बेरंग हो चुकी धरती पर रंगने की
चाह अभी बाकी है।
ख्वाब़ अभी बाकी है,
कुछ हुनर अभी बाकी है,
शतरंज की बिसात पर
कुछ मोहरें अभी बाकी है।
संकल्प अभी बाकी है,
उम्मीद अभी बाकी है,
रिश्ते टूट गए सारे,
पर मेरा अपने ख़ुदा पर
यक़ीन अभी बाकी है।
हसरतें अभी बाकी है,
मेरे जज़्बात अभी बाकी है,
जिन्दगी तू बेदर्द ही सही,
पर मेरा जीने का अरमान
अभी बाकी है।
सोच अभी बाकी है,
कुछ सांसें अभी बाकी है,
रास्ते मुश्किल ही सही,
पर मेरा हौसला अभी बाकी है।
आंखों में चमक अभी बाकी है,
दिल में कुछ पाने की चाह
अभी बाकी है,
सौ बार नीचे गिर चुका 'मैं',
पर मुझमें, अब भी
'मैं' कहीं बाकी है।
