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MANOHAR CHHATWANI

Inspirational

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MANOHAR CHHATWANI

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मन का दिया

मन का दिया

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सवेरे सवेरे सूरज और सांझ ढलते ही चाँद सितारे ,

प्रकृति ने जला रखे हैं देखो दिए कितने प्यारे प्यारे।  


निराशाओं ने भर रखे हों ग़म के सागर खारे खारे ,

आशा की इक बूँद ओस सी बरसाए मीठे फ़व्वारे। 


कल कल बहती नदिया झरने साक्षी हैं ये अजब नज़ारे ,

धरती अम्बर सूरज बरखा यकसां हैं ये हम पर सारे। 


अंतर्मन के अंधियारे को जल्दी तू भी दूर भगा रे ,

आहूति अहम् की देकर मानव मन का दिया जला रे। 



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