मेरी ,जिन्दगी ,और पापा
मेरी ,जिन्दगी ,और पापा
माँ ने समाज और लकड़ियों के मर्यादा में रहना सिखाया ,
तो
पापा हक मांगना नहीं छीनना सिखाया
शायद इसलिए मैंने अपने जिंदगी में सबसे खास पापा को बनाया
आभारी रहूँ यह हक़ था मेरा जो आपने इतना साथ दिया
मेरे हर जरूरत को बिन कहे पूरा कर दिया
बिन मांगे समय पर हर चीज दिया
सब विरोध में खड़े थे ,लकड़ियों पे ज्यादा खर्च सही नहीं
अकेले आपने वहाँ से कदम जो बढ़ाया
शायद इसलिए मैंने अपने जिंदगी में सबसे खास आपको बनाया