STORYMIRROR

KAVY KUSUM SAHITYA

Abstract

3  

KAVY KUSUM SAHITYA

Abstract

मौसम और वायु सैनिक

मौसम और वायु सैनिक

1 min
259

पवन वेग से हौसले की उड़ान प्रहरी

आसमान की सीमाओं के जाबांज             

हवाओं के ववण्डर को अपनी किस्ती की

हस्ती की मस्ती का बना देता मांझी          


वक्त कोइ भी हो मंजिल कितनी भी

कठिन हो नहीं करता तब तक आराम विश्राम           

जब तक मकसद की मंजिल ना हो अभिमान          

आसमां का सीना चीरता बुलंद जज्बे का

नाम वायु में वायु से तेज आसमान का शान       


स्वाभिमान राष्ट्र की अस्मिता की

फौलाद माँ भारती की

औलाद पराक्रम की परम प्रेरणा प्रकाश !  

भरोसा विश्वाश धीरता की

वीरता का धन्य धैर्य शौर्य पुरुषार्थ    

दुर्गम परिस्थितियों स्तितियों कठिन

कठिनाइयों की चुनौतियों का बाज़               


वक्त को मोड़ दे राह अपनी खोज ले

आकाश की गर्जना विद्युत् का वर्जना             

रेगिस्तान हो या बर्फीली चट्टानों का

पहाड़ समादर का तूफ़ान हो या सैलाभ             

जंग का मैदान हो या शिखर पहाड़

सिंह की दहाड़ है विजय विजयी जज्बे का जज्बात है।                    


प्रभा का प्रवाह हो या भयंकर अंधकार

हो दिवस का मध्य हो या संध्या

घडी पल प्रहर जीने मरने को तैयार !                

ना कोइ चिंता ना भय निर्भय निर्विकार           

अहिर्निश संकल्प की सिद्धि के महायज्ञ का अनुष्ठान      


विश्राम नहीं आराम नहीं थका हारा नहीं

छड़ प्रति छड़ वीरता विराटता की नभ थल की गूँज

गगन की गरिमा गौरव की गाथा का

शंखनाद विजयोल्लास रण भूमि का काल विकराल     

विकट निष्कंटक साम्राज्य शिखर

सिरमौर्य ललकारता युद्ध का योद्धा पुरोध्धा          

निति नियत काल को बदलता नित्य

आसमान की उंचाइयों का बादशाह।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract