मैं कितना अभागा हूँ
मैं कितना अभागा हूँ
मेरे माता पिता तो आशीर्वाद देने के लिए हाथ उठाये थे ,
लेकिन मैं उनका पैर ना चूम सका ,
मैं कितना अभागा हूँ , मैं कितना अभागा हूँ |
मेरे बच्चों ने मेरे गोद में आने के लिए , हाथ बढ़ाया था ,
लेकिन मैं उनको अपनी गोद में ना ले सका ,
मैं कितना अभागा हूँ , मैं कितना अभागा हूँ |
मेरी पत्नी ने मेरे एक स्पर्श के लिए अपना हाथ बढ़ाया था ,
लेकिन मैं उसके हाथ पर हाथ ना रख सका ,
मैं कितना अभागा हूँ , मैं कितना अभागा हूँ |
मेरी बहन आरती का थाली लिए खड़ी थी ,
लेकिन मैं उनसे टिका लगाने के लिए घर ना जा सका ,
मैं कितना अभागा हूँ , मैं कितना अभागा हूँ |
मेरे भाई तो मुझे गले लगाने के लिए बाहें खोले खड़े थे ,
लेकिन मैं उन्हें गले ना लगा सका ,
मैं कितना अभागा हूँ , मैं कितना अभागा हूँ |
क्यूंकि मैं कोविड़ -१९ की मरीज़ो का इलाज करने वाला , वो स्वस्थ कर्मी हूँ
तो मैं अपने लोगों को वो बीमारी कैसे दे सकता हूँ?
मेरे देश के भाई बहनो मुझे बचो लो
जिस घर से बाहार निकलने के लिए तुम भाग रहे हो
आज उसी घर के बाहर बैठ कर मैं चाय पी रहा हूँ ,
तुम्हारे लिए मैं वो लाठी वो पत्थर से घायल हो राहा हूँ
वो थूक जो तुमने मेरे मुँ पे थूका वो भी मैं सेह लूँगा
पर फिर भी मैं कहता रहूँगा
घर पे रहो , घर पे रहो , घर पे रहो!