मैं एक सम्मान हूँ !!!
मैं एक सम्मान हूँ !!!


मैं नारी हूँ, मैं शक्ति हूँ, मैं ज्ञान हूँ,
लगती हूँ कमज़ोर, पर हूँ नही
लगती हूँ अबला, पर हूँ नही
लगती हूँ नाज़ुक, पर हूँ नही
अपनी राह खुद बनाती हूँ,
दूसरों को चलना भी सिखाती हूँ,
अपने दुःखों को छुपाती हूँ
दूसरों को हँसाती हूँ,
आए नही गम, मेरे अपनों पर,
उन काले बादलों को हटाती हूँ,
दुर्गा बन कर सबको हिम्मत देती हूँ,
सरस्वती बन के सब को पाठ सिखाती हूँ,
मैं नारी हूँ, मैं शक्ति हूँ,&n
bsp;मैं ज्ञान हूँ,
घर सम्भालती हूँ,
तो बाहर भी अपनी पहचान बनाती हूँ,
सब को एक धागे में पिरोती हूँ,
धरती हो या आकाश,
अपना अस्तित्व बनाती हूँ,
प्यार देती हूँ, एक एहसास देती हूँ,
बस, सब को एक सीख दे जाती हूँ,
हारना नहीं है,बस मंजिल को पाना है,
कमज़ोर नहीं है बनना, बस हिम्मत तुझे बढ़ाना है,
सींचा है मैंने सबको प्यार से ,
चलना है इस प्यार की सच्चे रास्ते पर,
क्योंकि मैं नारी हूँ,मैं शक्ति हूँ,मैं ज्ञान हूँ,
हाँ,मैं एक सम्मान हूँ!