मैं भी न
मैं भी न
उसने कानों में कहा
और फिर ओझल
दिखा नहीं कहने वाला
मैंने टटोले
उसके स्पर्श के अंदाज़
सुना, जो उसने कहा
मिलाने लगी
एक- एक पल
अरे !
उभर आया मेरा चित्र
मैं भी
जाने ख़ुद से ही
कितनी - कितनी बातें कर लेती हूं।।।
उसने कानों में कहा
और फिर ओझल
दिखा नहीं कहने वाला
मैंने टटोले
उसके स्पर्श के अंदाज़
सुना, जो उसने कहा
मिलाने लगी
एक- एक पल
अरे !
उभर आया मेरा चित्र
मैं भी
जाने ख़ुद से ही
कितनी - कितनी बातें कर लेती हूं।।।