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Mahendrakumar Patle

Romance

4  

Mahendrakumar Patle

Romance

मै और तू

मै और तू

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मैं बन जाऊँ कान्हा, तू बन जा राधिका 

मैं बन जाऊँ तपस्वी, तू बन जा साधिका||धृ||


मैं बजाऊँ बाँसुरी, तू नाचना मनमोहनी 

मैं बरसूँ मृग बनके, तू बरसना बनके रोहणी 

मैं पेड गुलजार का, तू नटखट लतिका

मैं बन जाऊँ तपस्वी, तू बन जा साधिका||१||


तू नदिया का पानी , मैं सागर का जल हूँ

तू ह्रदय स्वामिनी, मैं आँखो का काजल हूँ

मैं तेज तर्रार अधिरथ, तू मेरी हसीन जिविका

मैं बन जाऊँ तपस्वी, तू बन जा साधिका||२||


मैं अधूरा तेरे बिना, तू अधूरी मेरे बिना

वादा कर साथी, साथ अपनो के जीना

मैं बन जाऊँ जब शोला, तू बनना कनिका

मैं बन जाऊँ तपस्वी, तू बन जा साधिका||३||



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