दुनिया कहती है
दुनिया कहती है
दुनिया कहती है , हम चुपचाप सुनते हैं|
हम जब कहते हैं कलियां खिलती हैं ||धृ||
वो रोज देते हैं ताने, हम गाते हैं गाने
वो चले हसते, हम लिख देते हैं तराने
जब धर लेते कलम, दुनिया हिलती है||१||
वो गढ्ते कहानियां, हम लिखते सच्चाई
वो करते बुराईयां, हम खोजते अच्छाई
वो हो जाते लज्जित, जब नजर मिलती है||२||
वो बुनते हैं जाल, हम बनाते हैं रस्ता
वो दबाते हैं माल, हम जीते हैं सस्ता
जो अपनाये न्याय, उसकी समा जलती है||३||
अनमोल है जिंदगी, जीना जरा शान से
मांगो ऐसी बंदगी, सीना तने सन्मान से
दुनिया में अब भी, नेकी ही पलती है ||४||
