मायका
मायका
एक जज़्बा हैं। एक एहसास है।
जो दिल ही दिल में उभरने वाला
खुशियों का खजाना है।
समय बितता हैं। वक्त गुजरता है।
गुजरते वक्त के साथ रिश्ते भी सहमसे जाते हैं।
न जाने वो बचपन का प्यार और
दुलार वक्त की कड़ियों में कहीं खो सा जाता हैं।
नये नवेले रिश्तों में पुराने रिश्तों का मायना ही बदल जाता हैं।
पर हम फ़िर भी मन को समझाते हैं।
एक नयी सोच मन में ठाम लेते है।
कहीं छाव ढूंढने से ना जाने हम किसी की छाव बन जाए।
किसी से हमें से दिल की मरहम हम बन जाये।
एक नायी सोच मन में ठाम ले।।
हम भी हो लेे किसी की खुशियों का खजाना।।
एक जज़्बा हैं एक एहसास हैं।