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Abhishek singh rawat

Inspirational

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Abhishek singh rawat

Inspirational

माँ

माँ

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कब्र की आगोश में जब थक के सो जाती है, माँ।

 तब कहीं जाकर थोड़ा सुकून पाती है, माँ।


 घर में बच्चों की परेशानियों में ऐसे खुल जाती है माँ। 

 इसके रिश्तो की यह गहराइयां तो देखिए

चोट लगती हमें और चिल्लाती है, मां।


जब हम परेशानी में गिर जाते हैं ,

परदेस में ,आंसू को पोछने आती है माँ।


चाहे हम खुशियों में मां को भूल जाये, दोस्तों।

जब मुसीबत सर पर आती है तो याद आती है माँ।


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