माँ की गोद ज़न्नत समान
माँ की गोद ज़न्नत समान
अपने माता पिता के स्नेह और छत्रछाया में,
उनकी संतान हमेशा ही सुरक्षित रहती है !
बच्चों की परवरिश और उनकी सुरक्षा में,
दत्तचित पिता और माँ की ममता सिरजती है !
जीवन युद्ध में लड़ने को माता तैयार करती है,
पिता की नसीहतें सदा दुआ बनकर बरसती है !
दुलारा बना रहता है बच्चों का मासूम बचपन,
तभी तो माँ की गोद जन्नत की तरह ही लगती है !