कुछ देर योग करो
कुछ देर योग करो
क्यों बैठे, कुछ ज़िन्दगी का उपयोग करो
आओ सब मिलकर कुछ देर योग करो
हो रोग कोई शारीरिक या मानसिक अगर,
या अस्वस्थ और रोगी काया हो मगर
मत सोचो नकारात्मक, न कोई शोक करो
आओ सब मिलकर कुछ देर योग करो
रोगी को निरोगी करे, निरोगी को आयुष्मान
योग एक साधना है, ईश्वर का वरदान
यूँ समय को व्यर्थ नष्ट न करो
आओ सब मिलकर कुछ देर योग करो
पूरक हैं प्रकृति और पुरुष परस्पर,
तो प्रकृति से तादात्म्य करो,
गर बढ़ानी हो प्रतिरोधकता ,
तो लगाओ पद्मासन, योग करो
नित नियम बाँधों, योग से मत भागो
क्यों शंका, क्यों संकोच करो
आओ सब मिलकर कुछ देर योग करो
सोच आपकी, जीवन आपका है
जीना है रसायन पर, या प्राकृतिक
योग भारतीय संस्कृति का हिस्सा है
तो वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी आवश्यक
तो क्यों अब इससे और वियोग करो
आओ सब मिलकर कुछ देर योग करो।
