कोरोना के प्रति जागरण
कोरोना के प्रति जागरण
कहाँ से आयी यह महामारी
पलट गयी है दुनिया सारी ,
गली-गली में चिल्लाहट नहीं है
घर-घर में मुस्कुराहट नहीं है,
सब एक-दूसरे से दूर रहते हैं
हाध धोने में ही जोर देते हैं,
सड़कों पर गाडियाँ नहीं है
मैदानों में बच्चे नहीं हैं,
पार्क में प्रेमी-प्रेमिका नहीं हैं
आसमान में विमान भी नहीं है,
पीड़ितों की संख्या बढ़ रही है
लोगों की चिन्ता बढ़ा रही है ,
इक्कीस दिन का कानून देकर
सरकार ने यह समझाया है कि
ज़िन्दगी की खुशी परिवार के अन्दर
सिमट हुआ है।
फिर भी
विश्वास और आशा हमारे पास है
भगवान की कृपा हमारे साथ है
भक्ति मार्ग ही राम-बाण है
इसी में हमारा कल्याण है।
जय हिंद!!!