ख्वाहिशें
ख्वाहिशें
दो तरह की -
एक जो पूरी हो जाए
एक जो अधूरी रह जाए
एक जो करें परेशान
एक जो करें हैरान
एक जो आजमाए
एक जो समझाए
एक जो मिले तो तकदीर
एक जो बांधे तो ज़ंजीर
एक जो संभाल ले
एक जो बिख्रेर दे
एक जो पा ले तो फलक
एक जो खो दे तो कसक
उफ्फ ये ख्वाहिशें
इसके बिना न चलता ये संसार
इससे ही होता हैं दुनिया का कारोबार।
