खुदा हो तुम
खुदा हो तुम


लफ्जों मे कैसे ब्यान करूं कि
मेरे लिए कितनी खास हो तुम
वजह हर बात की मगर,
बेवजह की आरजू हो तुम
बंदिशे हजार तेरे इश्क़ की पर
आखरी साँस तक पाने की जिद हो तुम
नए नए तरानो के साथ गूंजती हुई
बिन मौसम की बारिश हो तुम
बात सिर्फ रूह तलक नहीं
हर धड़कन मे शामिल हो तुम
इबादत है सिद्दत से हमारी
हर नजर से खुदा हो तुम!