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Shalini Sinha

Comedy Inspirational

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Shalini Sinha

Comedy Inspirational

ख़ामोशी एक ज़ुबा

ख़ामोशी एक ज़ुबा

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कह जाती है आँखों की नमी,

होठ खामोश ही रह जाते है।

कमी सिर्फ समझने वालो की होती है,

वरना ख़ामोशी भी ज़ुबा बन जाती है।

ज़िन्दगी बस एक अनकही कहानी है,

रोकर भी हँसना, एक ज़िंदगानी है।

यू तो बहुत होते है अपने कहने को,

पर अपनेपन के लिए दिल तरस जाता है।

क्या होता है गम अकेलेपन का,

वो तो बस अकेला जीता हुआ इंसान ही जान पाता है।

तो बस हम भी है मुसाफिर ज़िन्दगी के,

सह लेते है हर गम हँसते-हँसते

हाथो में अपनों का हाथ लिए चलते है,

रहो में मिले हर मुसाफिरों से,

अब हम ज़रा हम बच के चलते है।

देखा है हमने भी सुबह का सूरज डूबते हुए,

शायद इसलिये, अब हम अंधेरो को सलाम करते है।

क्योकि हर रोशनी ही ज़िंदगानी है,

हर अँधेरे के पीछे, एक सुबह का एहसास होता है। 


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