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Freda Francisca Noronha

Abstract

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Freda Francisca Noronha

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कहानी नई लिखनी है…

कहानी नई लिखनी है…

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ये दर्द साथी बन गया

ये साथ है दे रहा 

जिंदगी बदल गई 

पर यह ना बदल सका... 


आहिस्ता में भी चल पड़ीं 

अब किसी पे ना हो यकीन 

ठोकर जो मैंने खाई है 

आब बस रब पे यकीन है... 


इम्तिहान हमने दिये है 

तकलीफें भी सही है 

अब मंजिल ढूंढ रही हूं 

कहानी नई लिखनी है…।


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