“कौन हो तुम..”
“कौन हो तुम..”
चाहकर भुला न पाऊँ, वो एहसास हो तुम
दिल रुक सा गया है, वो मकाम हो तुम।
इस मन को जो संभाले, वो धड़कन हो तुम
दिन मिल जाये जिसमे, वो मेरी शाम हो तुम।
खुद ही से मुझे मिला दे, वो आईना हो तुम
मुझे बांध के रखे यहीं, वो मेरी जमीन हो तुम।
उड़ने की चाह जगाते, मेरा आसमां हो तुम
जिंदगी की राह में कहीं , मेरा सुकून हो तुम।

