जन्म लेगी नई-नई स्त्री!
जन्म लेगी नई-नई स्त्री!


जन्म लेगी नई-नई स्त्री, बलात्कार का शिकार होगी स्त्री
समाज की ओछेपन की मानसिकता का शिकार होगी स्त्री
ब्रा पहनी हुई स्त्री, कंधों पर जब दिखेगी पट्टी
मर्दों में हवस दौड़ेगी उसकी शिकार होगी स्त्री
रंग-रंग अतरंगी रंग, रंगों में दिखेगी रंगीन ब्रा
चालू और चरित्रहीन के प्रमाणपत्र का शिकार होगी स्त्री
ब्रा सुखाने का चलन तुम भी इसी धरोहर पर चलोगी
सुखी हुई ब्रा का भी एक दिन शिकार होगी स्त्री
गली-गली, मोहल्लों, बाजारों और शहरों में
स्त्री के अंग का माप बताने वाली समाज का शिकार होगी स्त्री
बहन, बेटी, भाभी और बच्चों को स्तनपान कराती माँ के
मर्दों की आंखें छाती पर इसका शिकार होगी स्त्री
एक दिन की हो या फिर अस्सी वर्ष की बूढ़ी माँ
एक-एक मर्दों की फिर शिकार होगी स्त्री
पर्दे में हो या फिर बेपर्दो वाली समाज की स्त्री
मर्दों के स्वयं के बेपर्दो का शिकार होगी स्त्री
ऐ पृथ्वी की स्त्रियों, जैसा मन करें वैसे जीवनयापन करो
मर्दों की सुनोगी तो फिर मर्दों का शिकार होगी स्त्री