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Shraddha Ramani

Inspirational

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Shraddha Ramani

Inspirational

जिसके मुझपे इलज़ाम लगाए जाते थे

जिसके मुझपे इलज़ाम लगाए जाते थे

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जिसके मुझपे इलज़ाम लगाए जाते थे

मैंने हर वो खता करके देख ली

जब मुझे घर और कॉलेज के 

सिवा कोई रास्ता पता नहीं था

आवारा भी पुकारा था लोगों ने मुझे

फिर छान ली हर गली और नाप ली हर सड़क


आवारगी भी करके देखली मैंने

जब भी अपना पक्ष रखना चाहा

बद्तमीज़ पुकारी जाती थी

और फिर सबकी सुन्ना ही छोड़ के 

बदतमीज़ी भी करके देखली मैंने

फिर मेरे हमदम मेरे साथियों को

बुरी संगत कहकर मुझसे अलग किया गया


और उसी बुरी संगत ने मुझे हर बार टूटने पर संभाला

और यूँही टूटते बिखरते यारी दोस्ती भी सीख ली मैंने

मेरे परिधान की रूचि एवं माप से

मेरे चरित्र का आंकलन किया गया

मेरे चीखने चिल्लाने पर दूर से ही तमाशा देखा गया 


इन झूठे समाज के रक्षको की 

हैसियत भी देख ली मैंने

मुझे सेकंड सिटीजन में गिनने वालो ने

मुझसे पाई पाई का हिसाब माँगा


और जब खुद की क़ाबिलियत से घर 

और ऑफिस दोनों संभाला

उनकी सो कॉल्ड बराबरी भी छीन ली मैंने

मुझ जैसी बेटियों को कभी कोख में तो 

कभी जन्म लेते ही मार देने वालो

भूले हो तुम तो याद दिलाती हूँ तुम्हे

तुम जैसो को भी इस धरा पर उत्पति दी मैंने ..


जिसके मुझ पे इलज़ाम लगाए जाते थे

 हर वो खता करके देख ली मैंने।


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