जासूस या हीरो
जासूस या हीरो
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जासूस कहो या देशभक्त
कोई फर्क नहीं पड़ता,
मातृभूमि के लिए सब छोड़ा
ढूंढ रही हैं मा की ममता।
आगे पीछे मौत है मेरी
फिर भी निडर चलता हूं,
कभी मर जाऊं तो,
सम्मान छोड़ो
गद्दार परिचय पाता हूं।
नाम बदनाम क्या चीज़ है
वतन के वास्ते सब सहूंगा
उनके लिए जासूस हूं, मगर
मेरा देश सदा 'हीरो' कहेगा।