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Nandita Kohli

Abstract

4.8  

Nandita Kohli

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जाने ये साल क्या रंग दिखलाएगा

जाने ये साल क्या रंग दिखलाएगा

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चलती फिरती दुनिया को ये घर पर बिठ लाएगा

जाने से साल क्या क्या रंग दिखलाएगा

रॉकेटों की बात करते देशों को,

सनिटाइजर की एहमियत समझाएगा


देश विदेश को ये हैल्थ केयर का पाठ पढ़ाएगा

महामारी के चक्कर में ये भुखमरी के दिन दिखलाएगा

रोक रफ़्तार इस दुनिया की, धरती को हरा बनाएगा

शुद्ध करके हवा ये प्रकर्ती की सुंदरता को दर्शाएगा


सोचा ना जो कभी भूल से भी किसी ने, वैसा मंजर नजर आएगा

ये साल नज़ाने कैसे कैसे रंग दिखलाएगा

कहीं हमले अतांकवाद के, तो कहीं तालाबंद है

कहीं निशाने पे डॉक्टर है तो कहीं पुलिस बेरहम है


कहीं गैस त्रासदी से ये लोगो को अधमरा कर जाएगा

कभी छोड़ मजदूरो को सड़कों पे बेसहारा,

ये वन्दे भारत मिशन से अमीरों को बचाएगा

कभी बन्द करके ट्रेनें, उसी ट्रेन से लोगो को कुचल जाएगा

बांट के रोटी दो वक़्त की, तस्वीरों में छा जाएगा


कभी भूखी इस दुनिया में ये खाने से

ज़्यादा तवजुह शराब को दे जाएगा

शायद सरकार की रफ़्तार से तेज़,

गरीब पैदल ही कोंसो दूर, अपने घर पहुंच जाएगा

लोगोंं की मदद के नाम पे ये और कितना चुना लगाएगा


ये साल नज़ाने कैसे कैसे रंग दिखलाएगा

बन्द है सभी मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च

बन्द है सभी मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे और चर्च,

पर फिर्भी राम लल्ला को स्थापित कर, ये राम मंदिर बनवाएगा


कभी डूबी हुई इकॉनमी को और गिरा ये

unemployment और बड़ाएगा

कहीं मौसम की मार से फसले बर्बाद है,

तो कहीं बिन काम- काज मजदूर बेकरार है

कभी शहीदों के परिवार को बटवा के पैसा,

उनकी असुरक्षा के इल्जाम से खुद को बचाएगा


वायरल करके तस्वीरें सेलेब्रिटी के आलीशान

लाइफस्टाइल की, क्वारांटाइन सेंटरस की

व्यवस्थाओं से हम सबको कभी रुबरु नहीं करवाएगा

कभी बटवा के दवाइयां विदेशो में,

ये फिर हिंदुस्तान के लोगो को अनदेखा कर जाएगा

कांप जाती है रूह ये सोचकर ही


कांप जाती है रूह भी ये सोच के,

की ये कोरोना बाकी देशों की तरह,

एक दिन हिंदुस्तान भी खा जाएगा

एक, दो, तीन, चार

एक दो तीन के बाद चौथे lockdown में,

ये नजानें अब क्या छीन ले जाएगा

ले कर जाने लाखों की, ये मन्हुस साल

अब इंसानों पे और कितना के हर बरपाएगा


ये साल 2020, ना ज़ाने कैसे कैसे रंग दिखलाएगा

ना जाने कैसे कैसे रंग दिखलाएगा।


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