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Veeru Sonker

Abstract

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Veeru Sonker

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हमारे समय की कविता

हमारे समय की कविता

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वह क्रोध में थे पर शांत थे

वह असहमत थे,

पर समझाए जाने पर सहमत हो जाते थे!

वह औसत बुद्धि के नहीं 

पर यह ज़ाहिर करते थे कि वह समझाने वाले से कम बुद्धि के थे

उन्होंने अपने जीने के तरीके में 

इस सामान्य समझ को शामिल किया हुआ था

कि जो ताकतवर थे वही बुद्धिमान थे

वह उन्हें शांत रखने में सफल थे

क्योंकि जानते थे 

ताकतवर का क्रोध परिणामोन्मुखी होता है

वह एक हथेली को 

दूसरी हथेली पर मार कर कसमसाये लोग थे

जो ऊपर से शांत थे,

जो सब कुछ समझने के बाद भी समझाए जाते थे

वह जो थे,

बेहद समझदार थे!


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