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Harish Pawar

Romance

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Harish Pawar

Romance

हकीक़त का आईना

हकीक़त का आईना

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तेरी कमी का एहसास तो आज भी होता है ,

जिसमे तेरी यादों का सहारा होता है ।।

ज़िन्दगी का मुकाम तो तेरे पास ही आया था,

पर हालातों ने हो मंज़िल तो छीन लाया था ।।

जब सूखे रेगिस्तान में ज़िन्दगी को तरसा ,

भीगे बारिशों के बादल तू अपने संग लाया ।।

देके बारिशों का पानी मुझे सुहाना,

ज़िन्दगी की ख़ुशियाँ मेरी झोली में लाया ।।


ख़ुदा की दुआ में भी तेरा नाम आया,

हुआ मेहरबान की तुझे अपनी ज़िन्दगी में पाया ।।

ज़िन्दगी भी ना तरसी हो जितनी मौत को,

उससे के ज्यादा तरसा में तेरी मोहब्बत को ।।

सफर तो मेरा था कश्ती में मस्ताना ,

आंधियों का युग पल में ज़िन्दगी में आ जाना ।।

करके मुझे जुदा तेरी मोहब्बत से,

ज़िन्दगी की एक आरज़ू मिटा देना ।।

देख दुनिया को उसके नज़रिए से ,

मुझे हकीक़त का आईना दिखाया ।


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