हौसला
हौसला
अक्षर अक्षर बने शब्द
शब्द शब्द बढे हौसला किसी का
चार पंक्ति सुनाने का
चार शब्दों का, बढ़ावा किसी का।
जरा सी हीचखीचाहट
जरा सी घबराहट
बढ़ाए जो दिल की धक धक
काबिल बना दे किसी को
बस कुछ वो दो शब्द।
मित्र ही सही
सही हो परिवार
पराया भी ढूंढे कभी
भीतर का कलाकार।
ना कम समझ
किसी और की प्रेरणा तू
बुलंद करे जो तेरा हौसला यूं
तू शब्द शब्द रचाके कविता कर।
दुनिया के सामने बयां कर
लड़ खुद से पहले तू
फिर रख हौसला
दुनिय को बदलने का।
आसान नहीं यूं
दुनिया को बदलना
अपने भीतर के डर को मिटाना
खुद पे रख के भरोसा यूं.
खुद का हौसला बढ़ाना।
सुन तालियों की गूंज तू
ना सिर्फ अपनों की
सीटी बजाते हैं कई पराये भी।
सुन सकते हो वो सीटी अगर
जीत जाएगा तेरा हौसला
तेरा वो डर, फिर ?
फिर दिख जाए कहीं
कोई घबराहट
तू ना भूल
अक्षर अक्षर बने शब्द
शब्द शब्द बढ़े हौसला किसी का
चार पंक्ति सुनाने का
चार शब्दों का, बढ़ावा किसी का।
