हैरानियाँ
हैरानियाँ
किसी ने खूब कहा
किसी ऐसे समय में चलो
जो की खूबसूरत शमा हो
मैंने सोचा ऐसे हसीन पलों
की आदत हमें कहाँ
ये तो ख़्वाबीदा है !
किसी को शमा भाई
तो किसी को ये जिंदगी रास आई
किसी ने अपनी यारी को साथी चुना
तो किसी ने अपने हालातों को
पर महसूस हुआ उस दिन
ये सब तो महज एक वहम था
सच बोलूँ तो ये खुदा के लिए
जैसे कठपुतली का खेल था !