Farhan Parekh
Romance
जिस का इंकार भी
इंकार न समझा जाए
हम से वो यार-ए-तरह-दार
न समझा जाए
इतनी काविश भी न कर
मेरी असीरी के लिए
तू कहीं मेरा गिरफ़्तार
न समझा जाए।
गिरफ्तार
चलो अब मैं चलती ख्याब में मुलाकात शायद हो जाए, परियों का हो पहरा और फिर वही बरसात हो चलो अब मैं चलती ख्याब में मुलाकात शायद हो जाए, परियों का हो पहरा और फिर वही ...
कभी बूंदें बरसती है तो कभी अखियां, शायद ये एक जादू है जो सहती है अक्सर रतिया। कभी बूंदें बरसती है तो कभी अखियां, शायद ये एक जादू है जो सहती है अक्सर रतिया।
बेपरवाह और खुद को खातिर उसकी भूलना भी गँवारा किया है। बेपरवाह और खुद को खातिर उसकी भूलना भी गँवारा किया है।
तेरी-मेरी प्यार की भाषा एक ख़ास है। तेरी-मेरी प्यार की भाषा एक ख़ास है।
वो बिछड़ता हुआ सूरज जिसे हम शाम कहते हैं। वो बिछड़ता हुआ सूरज जिसे हम शाम कहते हैं।
बहुत कुछ अनकहा है मेरे और तुम्हारे बीच पर अगर कह भी दूँ तो क्या समझ पाओगे तुम.? बहुत कुछ अनकहा है मेरे और तुम्हारे बीच पर अगर कह भी दूँ तो क्या समझ पाओगे तु...
ताकि दिल को इस बात की तसल्ली मिले कि वह तो तेरी थी नहीं ताकि दिल को इस बात की तसल्ली मिले कि वह तो तेरी थी नहीं
ना जाने क्यों आज फिर मैं लिखने बैठ गई। ना जाने क्यों आज फिर मैं लिखने बैठ गई।
हां सब कुछ संभाल कर रखा है बस तेरे लिए,,,,,,,,,,,,, हां सब कुछ संभाल कर रखा है बस तेरे लिए,,,,,,,,,,,,,
गर तुम आ ना पाई तो नमी रहेगी उम्र भर।। गर तुम आ ना पाई तो नमी रहेगी उम्र भर।।
पर यह कमबख्त दिल कहता रहा वह सही है दुनिया नहीं। पर यह कमबख्त दिल कहता रहा वह सही है दुनिया नहीं।
अपने सतरंगी पंखों से बस खुशियों के रंगों से सबकी झोली भर देती, अपने सतरंगी पंखों से बस खुशियों के रंगों से सबकी झोली भर देती,
हर रात के बाद एक सुहानी सुबह आती है। साथ में बहुत सारी बातें जाती है। हर रात के बाद एक सुहानी सुबह आती है। साथ में बहुत सारी बातें जाती है।
अतृप्त अनछुआ रेशमी एहसास ओस की बूँदों सा है तुम्हारा प्यार। अतृप्त अनछुआ रेशमी एहसास ओस की बूँदों सा है तुम्हारा प्यार।
दौड़ना चाहते थे और कभी-कभी रुकना भी चाहते थे मगर...हारना नहीं चाहते थे::::: दौड़ना चाहते थे और कभी-कभी रुकना भी चाहते थे मगर...हारना नहीं चाहते थे:::::
जब मिलती है फुरसत तो तुम्हे याद है कर लेता काश ! अपने आप को फिर से वैसे ही पाता। काश जब मिलती है फुरसत तो तुम्हे याद है कर लेता काश ! अपने आप को फिर से वैसे ही पा...
तो आप भी इन जगहों का रुख़ करें, यकीन मानिए आप मोहब्बत से सराबोर होकर लौटेंगे ।। तो आप भी इन जगहों का रुख़ करें, यकीन मानिए आप मोहब्बत से सराबोर होकर लौटेंगे ...
कैसे कर लूँ मैं चुप खुद को जब पहला और आखिरी अल्फाज लव यू हुआ करता था । कैसे कर लूँ मैं चुप खुद को जब पहला और आखिरी अल्फाज लव यू हुआ करता था ।
वो दिलकश जवानी के थे लम्हे वो हसीन ज़माना याद आता है।। वो दिलकश जवानी के थे लम्हे वो हसीन ज़माना याद आता है।।
अब तो तुम मेरे हो जाओ, तुम बिन हम अधूरे हैं अब तो तुम मेरे हो जाओ, तुम बिन हम अधूरे हैं