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Shivam Kumar

Inspirational

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Shivam Kumar

Inspirational

एक सलाम उनके नाम भी

एक सलाम उनके नाम भी

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सलाम है उन बेकसूर अमर जवानों को

जिनके शरीर एक टुकड़े में सिमट कर

आए,

सलाम है उनके चाहनेवालों को

जिनको इंतजार था उनका और

वो तिरंगे में लिपट कर आए...


सलाम है उनके परिवार को

जो मायूस ना हुए बदले के इंतजार में,

इस पर भी अगर हम चुप बैठे तो हम

पर धिक्कार है,

सलाम है उस पिता को जिसने

एक बेटा खोया और मां भारती की

सेवा में दूसरा खोने को तैयार है...


सलाम है उस मिट्टी को जिसने

उस वीर पुत्र को जन्म दिया,

सलाम है उस माँ को जिसने

उस शोर्य को सींचने का कर्म किया...


सलाम है उस शहीद की बहन को

जिसका भाई रक्षा बंधन पर आने का

वादा कर धरती में विलीन हो गया,

सलाम है उस बहन को जिसका सर

गर्व से ऊंचा हो गया और बोली

"आज उसका भाई तिरंगे में

लिपट रंगीन हो गया"...


सलाम है उस शहीद की बीवी को

जिसको जवानी में ही विधवा

कहलवाने का कष्ट उठाना पड़ा,

सलाम है उस बूढ़ी माँ को जिसके

जीते जी ही उसके आँखों का तारा,

उसके बेटे का अर्थी सजाना पड़ा...


सलाम है उस छोटे बच्चे को

जिसने देख अपने पिता का कफ़न,

'जय हिन्द', 'वन्दे मातरम्' पुकारा था,

सलाम है उस बूढ़े माँ-बाप को,

उम्मीद जिन्हें थी अपने बेटे से

वो उनके बुढ़ापे का एकमात्र

सहारा था...


सलाम है उस शहीद के आँगन को,

उसके घर, उसके गाँव को जहां वो

बड़ा हुआ,

सलाम है उसके वातावरण को

जिसने उसे ऐसा बनाया कि वो

देश सुरक्षित रखने को सीना

तान सीमा पर खड़ा हुआ....


सलाम है उन वीरपुत्रों को जो

एक यशोदा माँ के ख़ातिर अपनी

देवकी माँ को अकेला छोड़ जाते हैं,

सलाम है उन वीरों को जो

छाती तान खड़े हो गए सीमा पर

बाकी सब मोह माया से मुँह मोड़ जाते हैं..


सलाम है उस शोर्य के साथियों को

जिन्होंने मरते दम तक साथ नहीं छोड़ा,

कितने साथी उनके उन्हें

अलविदा कह के गए, इसके लिए

वो शर्मिंदा हैं,

भले ही इस देश ने खो दिए हों

कुछ वीर पुत्र, भले ही हो गए हों

वो सब शहीद पर सलाम है

उन्हें जिनके दिलों में वो अब भी जिंदा हैं..।



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