ए जिंदगी तेरे संग
ए जिंदगी तेरे संग
ए जिंदगी
बोलना है मुझ को
तेरे ही शब्दों से
तुझ संग बात करने दे
हँसना है मुझ को
तेरी ही हँसी से
तुझ संग हँसने दे
देखनी है दुनिया मुझ को
तेरी ही नज़रों से
तुझ संग देखने दे
जीना है मुझ को भी
तेरी ही जान से
तेरे संग थोडा जी लेने दे
अब ना तडपा इतना
अब ना तरसा इतना
हुई हो खतातो माफ करना
तुने ही दी हुई जान हूँ मैं
काश हो ना कहीं ऐसा
की तू आये और रहूँ ना मैं।

