दुःखी चेहरे
दुःखी चेहरे
आज हर चेहरा दुःखी है
किसी चेहरे पे न हंसी है
ये क्या आज हो गया है
हंसी चेहरा खो गया है
चेहरों पे बंधी रस्सी है,
क्रोधी हर जन हो गया है
आज हर चेहरा दुःखी है!
सब पे छाई मायूसी है
फिर भी तुझे हंसना है
दीप प्रज्वलित करना है
चेहरों पे छाई निराशा पे,
आशा की बारिश करना है
शूलों से नही,फूलो से दुःखी,
ऐसे लोगो में होंसला भरना है
सब चेहरे होंगे साखी सुखी है
जब मिलेगी भीतर से खुशी है!