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Laxmi Tyagi

Inspirational

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Laxmi Tyagi

Inspirational

दोहरी शक्ति

दोहरी शक्ति

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माता -पिता दो शक्ति - तब जीवन निर्माण हुआ।

 पिता का धन, परिश्रम जननी का ,जीवन में रंग भरे।

माता का ज्ञान, पिता के आदर्श ,तब श्रेष्ठ नागरिक बने।  

 क्रोध जनक का,जननी का लाड़ जीवन का संयोग बने। 


 प्रकृति और शिव मिले -तब चेतना जाग्रत हुई। 

 बादल और बिजली की तड़प से बरसात हुई। 

लगन और मेहनत से -मंजिल का सपना साकार हुआ। 

 कर्म और क़िस्मत दोनों मिले -जीवन एकाकार हुआ । 

 विचारों और भावों से , इस रचना का निर्माण हुआ। 



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