धन्य हमारी भारतीय संस्कृति
धन्य हमारी भारतीय संस्कृति
धन्य, हमारी भारतीय संस्कृति,
जिसने सिखाया हमें परिवार का मूल्य,
कुछ अरसे से सुन रहे थे हम,
कि भूल बैठे हम भारतीय,
अपने संस्कार अपनी संस्कृति,
पर आज हमने फिर से बताया संसार को,
सबसे पहले संसार हमारा,
हम नहीं पति पत्नी अलग,
हैं आज भी हम एक दूसरे के संग,
अब अपने घर में मिल बांट घर को संवार रहे,
ना कोई झगड़ा ना अपमान,
हम भर रहे परिवार में सकारात्मक भान।
हम नहीं भारतीय बच्चे अपने मां बाप से इतर,
सीख रहे कम साधन में भी जीवन बसर,
खेल रहे वह खेल, जो मां बाप ने,
बचपन में अपने आंगन में थे खेले।
हम भारतीय न भूले अपने परिवार को,
न भूले अपने समाज के मेले,
ना भूले अपने देश को,
तभी तो देश का मुखिया,
जब भी हमें पुकारता,
तब हम भी उस पुकार को संगठित हो,
कभी थाली बजाते, कभी दीप जलाते ।
करोना को भी हम धता बताते,
ना तोड़ पाएगा वो कभी हमारी ताकत, हमारा विश्वास
अब ठान लिया हम सब ने मिलकर,
इस करोना को देश से भगाना है।
