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sanchika khandelwal

Inspirational

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sanchika khandelwal

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देश के वीर

देश के वीर

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तीन रंग से बना तिरंगा करता गौरव गान है

सबसे प्यारा सबसे न्यारा मेरा हिंदुस्तान है

हर सुबह सुहानी होती यहां होती सुनहरी शाम है

वीर बहादुर जन्मे जहां मेरा वह भारत महान है।


कई सहस्र वर्षों से भारत अविचल,अशेष, अखंड खड़ा है

कई संस्कृतियों को इसने अपने विशाल हृदय में जड़ा है

भाषा का सिर मौर है यह दुनिया ने शून्य को जाना 

खेल पर्यटन फिल्मों में भी सब ने इसको पहचाना 

तकनीक और विज्ञान की उन्नति से भी विश्व माना

बिना रक्त क्रांति के पहना हमने स्वाधीनी बाना।


इसी इसी भूमि पर रामकृष्ण दुष्टों का संहार किया

इसी धरा पर वीरों ने था हर शत्रु को जीत लिया

एक हुंकार पर उठ खड़े हुए देश प्रेम की लगन लिए

मंगल ,तिलक, सुभाष, आजाद न जाने कितने वीर हुए 

अनगिनत अनाम शहीद हुए वह आजादी के मतवाले थे

हँसकर फांसी पर झूल गए वह भी भारत माता के दुलारे थे।


यादें सिमटती रहती हैं, इतिहास बदलते रहते हैं 

कुछ  भी कह लो यारों शहीद तो हमेशा दमकते रहते हैं 

सरहद की मिट्टी को महका

ते हैं 

आसमान के बादलों में दिख जाते हैं

नहीं बेकार जाती उनकी कुर्बानियां 

वह तो मर कर भी हमें जिंदगी दे जाते हैं।


कड़कती ठंड हो या तपती दुपहरी

देश की रक्षा करता वीर जवान है

यह भारत मां के मुकुट की शान है 

यह हर भारतीय का अभिमान है यह

अमन, प्रेम और विश्व शांति यही हमारा नारा है

पर जब कोई धोखा दे तो भारत कभी ना हारा है।


गूंज उठती है हर दिशा चमक उठता है हर सितारा

शत्रु कांपे थर थर -थर -थर जब लगे जय हिंद का नारा 

सीने में जुनून आंखों में देशभक्ति की चमक रखते हैं 

दुश्मन के कदम थक जाएं अपनी आवाज में ही

ऐसी धमक रखते हैं

वह अपना फर्ज निभाते हैं, विजय के उद्घोष सुनाते हैं

देश के लिए शहीद होकर, हम सब के दिलों में अमर हो जाते हैं।


उनकी माता की आंखों से भी आंसू के सैलाब उमड़ते होंगे 

उनके पिता के सीने में भी शोले भड़कते होंगे

अपना सर्वस्व जो देश के नाम करते हैं 

ऐसे वीर जवानों को हम शत शत प्रणाम करते हैं

शत शत प्रणाम करते हैं।



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