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Raktim Saha

Inspirational

5.0  

Raktim Saha

Inspirational

डर से रहें हम निडर

डर से रहें हम निडर

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ना नहीं तुम, वीर जवानों

डर को पार कर जीत है।

डर के आँखों में आँख डालो तो

देखोगे डर भयभीत है।


जब जब भी मानव जाति को

वश में किया है भय,

एक से एक बब्बर शेर भी

ढेर होते गये, हाय।


डर से जीना शुरु हमारा

डर के साथ ही चलतें हम।

डर परास्त न कर सके हमें

जब तक हम न तोड़ दें दम।


खतरों को कंधे पे उठाकर

हमारा जीना, मरना, खेलना।

डर से हमें मूँह छिपाना नहीं

डर को हमें है झेलना।


आज लड़ें तो कल मरें

मृत्यु से क्या डर

जाना तो है सबको वही

परमेश्वर के घर।


मौत से न डर जवान

मौत ही तो जीत है।

वीर मरते हैं हँसते-खेलते

जब दुनिया भयभीत है।


एक बार डर को लाँघ लिया जो

वही कहलाता वीर है।

मानव जाति के मन में तो 

अमर उसकी तस्वीर है।


आज लड़ेंगे, कल मरेंगे

मगर रहेंगे हम जिधर,

बस डर को हम डराना सीखें

और डर से रहें हम निडर।


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