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Vivek Kumar

Inspirational

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Vivek Kumar

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चलो शिक्षा के द्वार

चलो शिक्षा के द्वार

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जीवन है अनमोल, नहीं है इसका कोई तोल,

बिन शिक्षा जीवन का, नहीं है कोई मोल,

शिक्षा से ही मिलता है जग में, मान और सम्मान,

इसी से मिलता है हमें, जीवन का हर ज्ञान,

शिक्षा बिन अधूरा, हम सब का जीवन,

अगर जीवन को बनाना है धारदार,

सुन लें पुकार चलो शिक्षा के द्वार।


सारे काम छोड़कर, चलना है स्कूल,

गांठ ये बांध लो, होकर के कूल,

जीवन है अपना, जीना है सपना,

उन सपनों की भरने उड़ान,

शिक्षा ही है बस एक गहना, बात मेरी मान,

अगर जीवन को बनाना है धारदार,

सुन ले पुकार चलो शिक्षा के द्वार।


ओ मछली पकड़ने वालों, ओ बिन मतलब भटकने वालों,

बात अब ये मान लो,  

शिक्षा के महत्व को पहचान लो,

जीवन संवर जायेगा, इससे नाता जोड़ लो,

शिक्षा का अधिकार मिला है, बात ये जान लो,

अगर जीवन को बनाना है धारदार,

सुन लें पुकार चलो शिक्षा के द्वार।


सूबे सह राष्ट्र से,

आरजू विनती विवेक की है आज से,

जब शिक्षा ही घर द्वार तो फिर कैसी तकरार,

सारे काम छोड़कर, ज्ञान के मंदिर में बच्चों को खुद पहुंचाए जरूर,

हर हाल में बच्चों को भेजिए स्कूल, बिलकुल टेंशन भूल,

अगर बच्चे के जीवन को बनाना है धारदार,

सुन लें पुकार चलो शिक्षा के द्वार।

     


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