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Ekta Gupta

Inspirational

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Ekta Gupta

Inspirational

छोटी

छोटी

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जब से होश संभाला है ,

मेरी छोटी बहन को,

मां की जिम्मेदारी निभाते देखा है ।

बस इतना ही याद आता है,

शय्या पर मां ने मेरा हाथ,

गुड़िया के हाथ में थमाया था।

अब तू ही इसकी मां है,

तू ही इसकी दीदी,

इस बात को समझाया था ।

प्राण पखेरू उड़ गए,

छोटी सी गुड़िया के पैर,

जिम्मेदारियों से बंध गए ।

कभी डांटती, कभी फटकारती,

मुझे, बाबा को हर कदम पर संभालती।

ना जाने वह छोटी सी गुड़िया,

कब बन गई इतनी सयानी बुढ़िया।

जब से होश संभाला है,

मेरी छोटी बहन को,

मां की जिम्मेदारी निभाते देखा है।

पढ़ाया भी , लिखाया भी उसने मुझे

प्यार से खिलाया भी,

जिम्मेदार बनाकर मेरी शादी भी करवाई ।

छोटी सी गुड़िया के पैर

जिम्मेदारियों से बंध गए ।

मैंने मेरी छोटी बहन को

मां की जिम्मेदारी निभाते देखा है।


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