Rahul S Chandel

Abstract

4.9  

Rahul S Chandel

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बस ये बात जरूरी है

बस ये बात जरूरी है

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माना कि सफर कठिन है जिंदगी का, 

किसी का साथ जरूरी है।

हाँ चुभती है तुम्हे मेरे चेहरे की चंचलता,

कुछ भी होती रहे हमारी बात जरूरी है।


"कल फोन नहीं लगा था

हां, अब बताओ।

मेरे फोन में नेटवर्क नहीं था।"

कुछ यूं बेवजह थी उनकी बात,

हर बात की वजह तो जरूरी नहीं,

चलता रहे ये साथ, बस ये बात जरूरी है।


उंगली पकड़ के रखना मेरी भी

कहीं अब जाना नहीं है।

मेरे सपने भी तुम देखो,

मेरा सपना ही अब यही है।

जनता हूं जिंदगी अपने लिए जीते हैं

पर थोड़ी उनके लिए जिए ये बात जरूरी है।


पहले मेरी सुन लेना 

मै तुम्हारी हर बात सुनता हूं।

हर बार क्यों अनसुना मै बनता हूं,

बोले कि थोड़ा सा सब्र रखो,

ये भरोसा उम्र भर के लिए करना है।

एहसास मुझे है बस विश्वास हो जाए ये बात जरूरी है।



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