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Rashmilata Mishra

Inspirational

1.0  

Rashmilata Mishra

Inspirational

बीत गयी

बीत गयी

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बीत गई सो बात गई,

अतीत की बातें अब,

करके परे।


आओ चलो !

नई मंजिल की

ओर चलें।


उसी तरह जैसे कि,

सागर भूल जाते हैं

तूफानों को।


समेट लेते हैं दर्द सारा,

 त्याग अरमानों को

पुनः लहरों के साथ चलें।


आओ चलो नई

 मंजिल की ओर चलें।


 हिम पर्वतों के कम दुख हैं ?

ग्लोबल वार्मिंग से ग्लेशियर

 पिघलते हरदम है,

फिर भी सीना तान खड़े।


आओ चलो अब हम भी,

 नई मंजिल की ओर चलें।


नए सिरे से सजी है डालियां,

भूलकर अतीत को जब,

थी पतझड़ की वीरानियां।


आओ अब हम भी,

नई मंजिल की ओर चलें।


यही तो जिंदगी का चलन है

दे बीती बिसार, कर आगे

बढ़ने का जतन है,

यही हमारे पूर्वज कह चले।


आओ अब हम भी,

नई मंजिल की ओर चलें।


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