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KAVY KUSUM SAHITYA

Abstract

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KAVY KUSUM SAHITYA

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भारतवासी

भारतवासी

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हम है भारत वासी हमारी खास पहचान

हर सुबह ऊषा कि बेला संग लाती

नव जीवन का संकल्प मधुर मुस्कान            


हम है भारत वासी हमारी खास पहचान

हर ऊषा कि बेला में मन्दिर में घंटे

घढी़यालै बजते,मस्जिद में फज़र नबाज। 


चर्च में प्रेयर गुड मॉर्निंग का ऑल माइटी गॉड              

हम है भारत वासी हमारी खास पहचान                  

मुर्गे कि बान गाँव मे ऊषा कि बेला कि पहचान शान।    


जगता अन्न दाता किसान खेतों कि

हरियाली भारत कि खुशहाली का पैगाम  

हम हैं भारतवासी हमारी खास पहचान 

हर ऊषा कि बेला में रागी, राग, रागिनी सबद,


कीर्तन गुरुओं की वाणी,

गुरु वाणी प्यार मोहब्बत भाई

चारे वंदेय मातरम् का हिंदुस्तान

हम है भारत वासी हमारी खास पहचान  


देवों, ऋषियों कि भूमि,

नारी शक्ति का वंदन अभिनंदन।  

हर ऊषा कि बेला नारी शक्ति के

अर्घ्य आराधना कि गूँज नव दुर्गा,

काली जग धारिणी, तारिणी कि मंगल इस्तुति गान 

हम है भारत वासी हमारी खास पहचान 


हर ऊषा कि बेला मजदूर महत्व कि आशा विश्वास

आशाओं के अम्बर का योद्धा महान,

श्रमऎव जयते का स्वाभिमान 

हम है भारत वासी हमारी खास पहचान  


नौजवान कि प्रेरणा प्रकाश ऊषा कि बेला उर्जा, उत्साह।    

उद्देश्य भविष्य का निर्माण, सत्कार  

हम है भारत वासी हमारी खाज़ पहचान। 


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