भारत की आशा
भारत की आशा
उन्मुक्त भारत की आशा
एक बच्चा आज आया मेरे पास
मैं देख रहीं थी
हाथ में कटोरा
आँख के आंसू
और वो पावं से बहता खून
जो दे रहा था गवाही
अभी तो जान बाकी है
क्या - क्या ये है मेरा आजाद भारत !
भारत की ये स्तिथि
बढाती है अविश्वसनीयता
उस आजादी पर जो श्रेष्ठ
भारत बनाने के नाम पर पाई थी
कुछ सपने जो रह गये अधूरे
अब तो आँखों में आंसू ही रह गए
पल प्रतिपल करो ये कोशिश
मैं खुद स्वयं को बनाऊंगा
मेरे हाथों में कटोरा नहीं
डोर होगी भारत को उड़ान भरवाने को
खून की एक -2 बूंद
श्वास – श्वास
आगे बढने की जिद्द के साथ
भारत को आगे बढ़ाने को।
रोते चेहरे ना हो
ना पसरे हाथ हो
जब देखे तो
औरों को ख़ुशी
और देने को कुछ साथ हो
स्वछन्द भारत
स्वतंत्र भारत
उन्मुक्त भारत बनाना है
बच्चे -2 को खुशियां मिले
ऐसे प्रण को साकार बनाना है।
