बात तुम्हें बतानी है
बात तुम्हें बतानी है
डर लगता है बचा लो मुझे
तकलीफ होती है दवा दो मुझे,
मर्ज क्या है दर्द क्या है कैसे बताऊं
अपनी कमजोरी के किससे किसे सुनाऊ,
मुझ पर हसेंगे क्योंकि दुनिया भी बेरहम है
तुम नफरत करती हो मुझसे क्या यह सजा कम है,
कुछ भी अच्छा नहीं लगता किसको अपने जज़्बात सुनाऊँ
थक चुका हू इस दुनिया से और क्या हालात बताऊं,
हंसते वे हुए चेहरे के पीछे रोना ही मेरी जिंदगानी है
प्यार अब भी करते हैं ये बात तुम्हें बतानी है,
प्यार अब भी करते हैं तुमसे यह ये बात तुम्हें बतानी है!

